देवाली की पहाड़ी में करीब 12वी और 13वी शतब्दी में मेवाड़ रियासत के रहे नेमीचंद जी ने नीमज माता के मंदिर को बनवाने में अपनी भूिमका निभाई थी । एक हजार मीटर की उंचाई पर स्थित इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि तत्कालीन समय में एक नीम के पेड़ के अंदर से देवी मां प्रकट हुई थी और बाद में मेवाड़ रियासत ने इसे चमत्कार मानते हुए राजधानी के सबसे बड़े शक्तिपीठ के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया ।
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